हरदोई में जानें क्यों नहीं दी जाती क़ैदियों को फाँसी, क्या है वजह
हरदोई में जानें क्यों नहीं दी जाती क़ैदियों को फाँसी, क्या है वजह
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/अनुराग दीक्षित
हरदोई में एक ऐसा मंदिर है जिसकी मान्यता जनपद के साथ-साथ आसपास के जनपदों तक है। यहां जनपद के कोने-कोने से श्रद्धालु आकर मांगलिक कार्यक्रम संपन्न कराते हैं इसी के साथ आसपास के जनपदों से भी लोग यहां पर आकर मांगलिक कार्यक्रम करते हैं। हम बात कर रहे हैं। हरदोई शहर में बने हरदोई बाबा मंदिर की।इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर बिना आए किसी के घर मांगलिक कार्यक्रम पूरे नहीं होते हैं। उसके साथ यहां के एक विशेष मान्यता यह है कि इस मंदिर के हरदोई जनपद में होने के चलते यहां पर किसी भी कैदी को फांसी की सजा नहीं दी जाती है। आज तक के इतिहास में हरदोई में किसी को भी फांसी की सजा नहीं हुई है। हरदोई जिला कारागार में कैदियों को रखने की क्षमता लगभग 1400 के आसपास है। 400 साल से हरदोई में किसी को भी फांसी की सजा नहीं दी गई है। यदि किसी को हरदोई के न्यायालय फांसी की सजा सुनाती है तो उसे दूसरे जनपद में जाकर फांसी दी जाती है। इसके पीछे हरदोई बाबा मंदिर की एक बहुत बड़ी मानता है जो आज तक चली आ रही है। हरदोई बाबा मंदिर के दर्शन के लिए लोग लखनऊ से सीतापुर बरेली कानपुर से यहां पहुंचते है।
*जेलर के सपने में आए थे हरदोई बाबा*
हरदोई शहर में बने हरदोई बाबा मंदिर कि जनपद में बड़ी ही मानता है और काफी प्रसिद्ध मंदिर है।यहां पर बच्चों के मुंडन,अनप्राशन समेत अन्य कई कार्यक्रम संपन्न कराए जाते हैं। दूर-दूर से लोग यहां पर अपने बच्चों का मुंडन और अनप्राशन कराने के लिए आते हैं। इस मंदिर की जो सबसे खास बात है वो यह है कि इस मंदिर के चलते हरदोई में आज तक कभी भी किसी कैदी को फांसी की सजा नहीं दी गई है। इसके साथ ही हरदोई जिला कारागार में फांसी लगाने वाला तख्ता ही नहीं है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि एक बार न्यायालय द्वारा एक निर्दोष को फांसी की सजा सुना दी थी फांसी की सजा होने से परेशान व्यक्ति हरदोई बाबा के पास पहुंचता है और अपनी परेशानी को बताता हैं। हरदोई बाबा ने उसको आश्वस्त करते हुए कहा थी कि तुम्हें फांसी नहीं होगी।हरदोई बाबा ने इस संदर्भ में अंग्रेजी शासन के जेलर को भी कहाँ था लेकिन न्यायालय के आदेश और अंग्रेजी शासन होने के चलते जेलर ने हरदोई बाबा की बात नहीं मानी और उस शख्स को ले जाकर हरदोई जिला कारागार के फांसी के तख़्त पर लटका दिया। जैसे ही उस शख्स को फांसी के तख्ते पर लटकाया गया तख़्त पलट गया और युवक सुरक्षित बच गया। पुजारी ने बताया कि इसके बाद जेलर के सपने में हरदोई बाबा आए और जिला कारागार में बने फांसी के तख़्त को हटाने की बात कही। हरदोई बाबा के सपने में आने से डरे जेलर ने जिला कारागार में बना फांसी का तख़्त को हटाकर फतेहगढ़ स्थापित कर दिया।इसके बाद से हरदोई जिला कारागार में किसी को भी फांसी की सजा नहीं दी गई। यदि किसी कैदी को न्यायालय द्वारा फांसी की सजा दी गई तो उसको फतेहगढ़ ले जाकर दी गई। मंदिर के पुजारी ने बताया कि हरदोई बाबा का इतिहास लगभग 400 वर्ष पुराना है। दूर-दूर से लोग यहां हरदोई बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से हरदोई बाबा से जो कुछ मांगता है हरदोई बाबा उसके मन की मुराद जरूर पूरी करते हैं।