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राज्य / हरदोई / 23 January 2025

2 बार के विधायक, मंत्री की बहन से 49 लाख की धोखाधड़ी… कौन हैं सुभाष पासी जो भेजे गए जेल?

2 बार के विधायक, मंत्री की बहन से 49 लाख की धोखाधड़ी… कौन हैं सुभाष पासी जो भेजे गए जेल?

मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह

हरदोई के रहने वाले आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की बहन से ठगी के मामले में सुभाष पासी और उनकी पत्नी रीना पासी ने अपनी चमक-दमक का खूब इस्तेमाल किया. रीना पासी जहां अक्षरा फाऊंडेशन की चेयरपर्सन हैं तो वहीं सुभाष पासी दो बार के विधायक रह चुके हैं।

योगी सरकार में आबकारी मंत्री और हरदोई जिले से सदर विधायक नितिन अग्रवाल की बहन रुचि गोयल से मुंबई में फ्लैट दिलाने के नाम पर 49 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई थी. ये धोखाधड़ी किसी और नहीं बल्कि गाजीपुर से पूर्व विधायक सुभाष पासी ने की थी. गुरुवार को हरदोई पुलिस ने सुभाष पासी को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. कोर्ट से पुलिस अभिरक्षा में जेल जाते समय सुभाष पासी अपना पूरा चेहरा कपड़े से लपेटे हुए थे. इस पूरे मामले में सुभाष पासी और उनकी पत्नी रीना पासी धोखाधड़ी समेत गैंगस्टर एक्ट की मुजरिम हैं।

गाजीपुर जिले के सैदपुर से समाजवादी पार्टी से विधायक रह चुके सुभाष पासी कुछ दिनों तक निषाद पार्टी से भी जुड़े हुए थे. फिलहाल उनका अब निषाद पार्टी से भी रिश्ता नहीं है. निषाद पार्टी इस समय बीजेपी की गठबंधन सरकार में शामिल है. सुभाष पासी सन 2012 से 2017 और 2017 से 2022 तक दो बार गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट से सपा से विधायक रह चुके हैं. 2022 में वह बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।

पूर्व विधायक सुभाष पासी माया नगरी मुंबई में सिने स्टारों के करीबी माने जाते हैं. सुभाष पासी फिल्म इंडस्ट्री की पहचान को भुनाने में माहिर हैं. निरहुआ समेत कई फिल्मी स्टारों के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं. फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़े परिवार से करीबी होने का इस्तेमाल सुभाष पासी ने मुंबई में अक्सर किया है।


पति-पत्नी धोखाधड़ी के केस में हुए वॉन्टेड

हरदोई के रहने वाले आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की बहन से ठगी के मामले में आरोपी सुभाष पासी और उनकी पत्नी रीना पासी अपने चमक-दमक भरे रसूख के लिए जाने जाते हैं. रीना पासी अक्षरा फाऊंडेशन की चेयरपर्सन हैं. पूर्व में सन 2012 में वह महिला सपा की राष्ट्रीय सचिव हुआ करती थीं. सुभाष पासी तीन भाई काशी पासी और मोती पासी हैं. स्वर्गीय काशी पासी की पत्नी गीता 2012 में जिला पंचायत अध्यक्ष थीं. मोती पासी सैदपुर से ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं।


2022 में BJP के टिकट पर सैदपुर से लड़ा था चुनाव

सुभाष पासी खुद 1999 में बांद्रा से पार्षद का चुनाव कांग्रेस के बैनर तले लड़ चुके हैं. 2007 में उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति की तरफ रुख किया था और 2012 में वह सपा के टिकट पर सैदपुर से चुनाव लड़े और जीत भी गए. 2017 में फिर सपा ने उन्हें टिकट दिया और वह चुनाव जीत गए. इस तरह लगातार वह दो बार सैदपुर से विधायक चुने गए. 2022 में उन्होंने सपा छोड़ बीजेपी से किस्मत आजमाई, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. फिलहाल धोखाधड़ी के मामले में हरदोई पुलिस ने सुभाष पासी को जेल भेजने की कार्रवाई की है और फरार पूर्व विधायक की पत्नी की तलाश की जा रही है।

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