झण्डा मेले का मुस्लिम समुदाय ने किया स्वागत, गाजेबाजे के साथ निकाली गई शोभा यात्रा
स्लग- संडीला में दिखी गंगा जमुनी तहज़ीब, महावीर झण्डा मेले का मुस्लिम समुदाय ने किया स्वागत, गाजेबाजे के साथ निकाली गई शोभा यात्रा
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
हरदोई जनपद में गंगा जमुना तहजीब देखने को मिली। जनपद के संडीला कस्बे में मंगलवार को बड़े ही भव्यता के साथ महावीर झंडा मेला का आयोजन हुआ। इस मेले में आसपास के गांव व कस्बों से आए लोगों ने शिरकत की। कस्बे के प्रमुख मार्ग से होता हुआ यह झंडा मेला निकला।इस झंडे मेले में हिंदू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल देखने को मिली। प्रतिवर्ष निकलने वाला महावीर झंडा मेला गंगा जमुना तहजीब की एक जीती जागती मिसाल है। महावीर झंडा मेला कमेटी के अध्यक्ष शैलेश अग्निहोत्री ने महावीर झंडा उठाया इसके बाद गाजेबाजे और मनमोहक झांकियां के साथ शोभा यात्रा कस्बे के मार्ग से होकर निकाली गई।महावीर झंडा मेले के मार्ग पर जगह-जगह हिंदू मुस्लिम ने महावीर झंडे मेले का स्वागत किया साथ ही मेले में शामिल श्रद्धालुओं को जलपान भी कराया। महावीर झंडा मेला कमेटी के अध्यक्ष शैलेश अग्निहोत्री को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। एक और जहां देश का प्रतिनिधि करने वाले नेता जाति धर्म के आधार पर देश को बांटने का काम कर रहे हैं वहीं महावीर झंडा मेला उन नेताओं के लिए एक मिसाल है। महावीर झंडा मेला में हिंदू मुस्लिम एक साथ मिलकर काम करते हैं जो की प्रदेश के साथ देश के कोने कोने में फैलाई जा रही नफरत की आग के लिए एक जीता जागता उदाहरण है। संडीला के महावीर झंडा मेला से हिंदू मुस्लिम को आपस में बांटने वाले नेताओं को सबक लेने की आवश्यकता है साथ ही दोनों समुदाय के कट्टर धर्म पंथियों को भी इस महावीर मेले से सीख लेनी चाहिए।
महावीर झंडा मेला कमेटी के अध्यक्ष शैलेश अग्निहोत्री ने बताया कि महावीर झंडा मेला लगभग 100 वर्ष पुराना है।अंग्रेजी हुकूमत के समय से यह मेला चल रहा है।इस मेले को रोकने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के अधिकारी ने प्रयास किया था लेकिन वह प्रयास भी उसका असफल साबित हुआ। शैलेश अग्निहोत्री ने बताया कि अंग्रेजी हुकूमत ने संडीला में निकलने वाले महावीर झंडा मेला को रोकने का प्रयास किया था जिसके बाद अंग्रेज अधिकारी का लड़का बीमार हो गया था। लखनऊ के डॉक्टरों ने भी अंग्रेज अधिकारी के पुत्र के स्वस्थ ना होने की बात कही जिसके बाद लोगों ने अंग्रेज़ अधिकारी को बताया कि संडीला के महावीर मंदिर में जाकर क्षमा याचना करें और महावीर झंडा मेले को निकालने की अनुमति दें।लोगो के सुझाव बनकर अंग्रेज अधिकारी ने संडीला के महावीर मंदिर में जाकर हनुमान जी से क्षमा याचना की और महावीर झंडा मेला को निकालने की कुछ शर्तों के साथ अनुमति दे दी। अंग्रेज अधिकारी के हनुमान जी से क्षमा याचना के बाद उनका पुत्र स्वस्थ हो गया तब से लोगों में संडीला का महावीर झंडा मेला आस्था और विश्वास का एक प्रतीक बना हुआ है।महावीर झंडे मेले में प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से झंडे लेकर लोग आते है और मेले में शामिल होते है।