चेचक पीड़ित को मेडिकल कॉलेज से भगाया, सड़क पर इलाज को मजबूर; प्रिंसिपल ने लिया संज्ञान
चेचक पीड़ित को मेडिकल कॉलेज से भगाया, सड़क पर इलाज को मजबूर; प्रिंसिपल ने लिया संज्ञान
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
हरदोई। जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। सुरसा थाना क्षेत्र निवासी व क्षेत्र पंचायत सदस्य राकेश कुमार अपने 31 वर्षीय पुत्र सौरभ कुमार को चेचक की गंभीर स्थिति में एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। इमरजेंसी में पहले तो बेड मिला लेकिन कुछ देर बाद स्टाफ ने यह कहकर बेड खाली करा दिया कि "चेचक का कोई इलाज नहीं है, यहां रखा तो संक्रमण फैल जाएगा।" इसके बाद मरीज को न सिर्फ वार्ड से बाहर निकाल दिया गया बल्कि कॉलेज कैंपस में भी रुकने की अनुमति नहीं दी गई।
लाचार परिजन अपने बीमार बेटे को उठाकर करीब सवा किलोमीटर दूर कोयल बाग कॉलोनी की सड़क पर ले गए और वहीं लिटाने को मजबूर हो गए। परिवार का आरोप है कि मेडिकल स्टाफ ने अमानवीय रवैया अपनाते हुए मरीज को बेसहारा छोड़ दिया।
जब मामला मीडिया के माध्यम से कॉलेज प्रशासन तक पहुंचा तो प्रिंसिपल डॉ. जे.बी. गोगोई ने कहा कि इस तरह मरीज को लौटाना गलत है। उन्होंने बताया कि शासन के आदेश के बाद मेडिकल कॉलेज में चेचक समेत संक्रामक बीमारियों के लिए 10 बेड का अलग ज़ोन बनाया गया है, जो अभी भी चालू है। प्रिंसिपल ने कहा कि पीड़ित से संपर्क कर उसे भर्ती कराया जाएगा और जिम्मेदार स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता उजागर करती है बल्कि गंभीर सवाल खड़े करती है कि जब अलग वार्ड पहले से बना था, तो मरीज को सड़क पर क्यों भटकना पड़ा। फिलहाल मामले में संज्ञान लेकर मरीज को इलाज का आश्वासन दिया गया है।