हरदोई पहुंचे राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी, महिला अस्पताल का किया निरीक्षण – साफ-सफाई और भ्रष्टाचार पर जताई कड़ी नाराजगी
हरदोई पहुंचे राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी, महिला अस्पताल का किया निरीक्षण – साफ-सफाई और भ्रष्टाचार पर जताई कड़ी नाराजगी
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
हरदोई। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी शनिवार को हरदोई दौरे पर पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल की कार्यप्रणाली और मरीजों की स्थिति का जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या और ओपीडी की व्यवस्था बेहतर है, डॉक्टर और स्टाफ भी ड्यूटी पर मौजूद हैं, लेकिन अस्पताल में साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब है।
चारु चौधरी ने कहा कि अस्पताल के नॉर्मल डिलीवरी हाल का हाल बहुत बुरा है। वार्डों में मरीजों के साथ आए तीमारदार इतनी अधिक संख्या में बैठे रहते हैं कि मालूम ही नहीं होता कि यह अस्पताल है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि स्वच्छता को लेकर गंभीर प्रयास करने की जरूरत है। सरकार हर अस्पताल में साफ-सफाई के लिए पर्याप्त बजट देती है और दावे भी बड़े किए जाते हैं, लेकिन असली समस्या इस बजट के सही इस्तेमाल की है। यदि इसका ईमानदारी से उपयोग हो तो हालात सुधर सकते हैं।
इसी दौरान सुरसा ब्लॉक के जुरा ग्राम से आई चंद्रा नामक महिला ने आयोग की उपाध्यक्ष से शिकायत की। उन्होंने बताया कि वह अपनी बहू नैना पत्नी संदीप को डिलीवरी के लिए महिला अस्पताल लेकर आई थीं। लेकिन नर्सों ने उनसे कहा कि पैसे दोगे तो नॉर्मल डिलीवरी होगी, नहीं तो ऑपरेशन कर देंगे। मजबूरी में ₹3000 देने पड़े। इस पर चारु चौधरी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एप्लीकेशन ली और आश्वासन दिया कि संबंधित दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और पीड़िता के पैसे भी वापस कराए जाएंगे।
इसके अलावा कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर की गई टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि बिहार महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग इस मामले का संज्ञान ले चुके हैं। किसी भी महिला पर विवादित टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के बाद उपाध्यक्ष के बयान से साफ है कि हरदोई महिला अस्पताल में व्यवस्थाएं कागजों में तो ठीक हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी सुधार की मांग कर रही है।