हरदोई का अनोखा स्कूल,बच्चों को ‘राधे-राधे’ और ‘जय सियाराम’ कहने की दी जाती है सीख, हनुमान चालीसा पाठ से जुड़ रहे संस्कारों से
हरदोई का अनोखा स्कूल,बच्चों को ‘राधे-राधे’ और ‘जय सियाराम’ कहने की दी जाती है सीख, हनुमान चालीसा पाठ से जुड़ रहे संस्कारों से
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
हरदोई में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और संस्कारों को संजोए रखने का अद्भुत प्रयास हरदोई के श्री डाल सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल में देखने को मिल रहा है। यहां बच्चों को केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों और सनातनी परंपराओं से जोड़ने की विशेष पहल की जा रही है।
विद्यालय में प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ कराया जाता है। इसका उद्देश्य है कि बच्चे अपनी जड़ों और अध्यात्म से जुड़े रहें और उनमें संस्कारों की नींव मजबूत हो। यही नहीं, विद्यालय ने बच्चों को अभिवादन की अनोखी परंपरा से भी जोड़ा है। यहां ‘हाय-बाय’ या ‘टाटा-बाय-बाय’ नहीं, बल्कि ‘राधे-राधे’ और ‘जय सियाराम’ कहकर संवाद करने की आदत डाली जाती है।
बच्चे जब घर से निकलते हैं तो माता-पिता और परिजनों को ‘राधे-राधे, जय सियाराम’ कहकर विदा लेते हैं। विद्यालय पहुंचकर शिक्षक और सहपाठियों का भी इसी संबोधन से अभिवादन करते हैं। इस पहल में विद्यालय के शिक्षकों की बड़ी भूमिका है, जो न केवल पढ़ाई बल्कि संस्कृति और आचरण की शिक्षा भी दे रहे हैं।
विद्यालय प्रबंधन का मानना है कि शिक्षा तभी पूर्ण है जब उसमें ज्ञान के साथ संस्कार भी शामिल हों। इस प्रयास से बच्चे न सिर्फ पढ़ाई में दक्ष हो रहे हैं, बल्कि भारतीय परंपराओं और सभ्यता से भी गहराई से जुड़ रहे हैं।