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राज्य / हरदोई / 19 August 2025

शाहाबाद में भाजपा के ब्लाॅक प्रमुख और मंडल उपाध्यक्ष भिड़े, दोनों पक्षों ने दी तहरीर, फिर शुरू हुआ सुलह-समझौते का दौर

शाहाबाद में भाजपा के ब्लाॅक प्रमुख और मंडल उपाध्यक्ष भिड़े, दोनों पक्षों ने दी तहरीर, फिर शुरू हुआ सुलह-समझौते का दौर

मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह

हरदोई।शाहाबाद ब्लाॅक कार्यालय में सोमवार को उस समय सियासी माहौल गरमा गया जब भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष और ब्लाॅक प्रमुख के बीच जमकर तकरार हो गई। मामला इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ शाहाबाद कोतवाली में तहरीर दे दी। पुलिस ने मंडल उपाध्यक्ष का मेडिकल भी कराया है और पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।


जानकारी के मुताबिक, बेहटा गोकुल थाना क्षेत्र के पसिगवां निवासी संतन सिंह, उधरनपुर मंडल के भाजपा उपाध्यक्ष हैं। उनका कहना है कि वह अपने गांव की मुख्य सड़क न बनने की समस्या बताने सोमवार शाम ब्लाॅक मुख्यालय पहुंचे थे। आरोप है कि वहां मौजूद ब्लाॅक प्रमुख त्रिपुरेश मिश्रा ने अपने साथियों के साथ गाली-गलौज करते हुए उनसे मोबाइल छीन लिया और मारपीट की। संतन सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर ब्लाॅक प्रमुख से जान का खतरा जताया है।


दूसरी ओर, ब्लाॅक प्रमुख त्रिपुरेश मिश्रा का कहना है कि वह कार्यालय में अपने सहयोगियों लालाराम राजपूत और अभिषेक वर्मा के साथ बैठे थे। इस दौरान संतन सिंह ने बिना बात बहस शुरू कर दी और मारपीट व गाली-गलौज की। इस आरोप को लेकर उन्होंने भी कोतवाली में तहरीर दी। मामले पर सहायक पुलिस अधीक्षक आलोक राजनारायण ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायत मिली है और संतन सिंह का मेडिकल कराया गया है। जांच जारी है।


यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भाजपा संगठन पहले ही आंतरिक झगड़ों से जूझ रहा है। हाल ही में तिरंगा यात्रा के दौरान सधई बेहटा में विवाद हुआ था, जिसमें भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े पदाधिकारी ने सक्रिय सदस्य पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस प्रकरण की आंतरिक जांच चल ही रही थी कि इसी बीच शाहाबाद में नया विवाद खड़ा हो गया।


सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं की तहरीर कोतवाली पहुंचते ही सुलह-समझौते का दौर शुरू हो गया। जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने देर रात दोनों पक्षों को साथ बिठाकर तस्वीर साझा कर मामले को शांत करने का संदेश दिया। हालांकि युवा मोर्चा के अनुज मिश्र ने सोशल मीडिया पर तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि “सम्मान से समझौता नहीं”। इससे साफ है कि भाजपा में भीतरखाने सियासी खींचतान अभी थमी नहीं है।

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