हरिद्वार से काशी तक नंगे पांव तपस्या की राह पर निकले अजीत, हरदोई पहुंचे श्रद्धा के पथिक
हरिद्वार से काशी तक नंगे पांव तपस्या की राह पर निकले अजीत, हरदोई पहुंचे श्रद्धा के पथिक
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
हरदोई में श्रावण मास की पवित्र बेला में जब भक्त शिव की भक्ति में लीन होते हैं, उसी आस्था को जीवंत कर रहे हैं प्रतापगढ़ निवासी अजीत प्रताप सिंह, जो हरिद्वार से काशी तक की 850 किलोमीटर की यात्रा नंगे पांव कर रहे हैं। सावन के पहले सोमवार से उन्होंने अपनी यात्रा का संकल्प लिया, और अब लगातार बारहवें दिन में वह हरदोई पहुंचे।
हरदोई में उन्होंने लखनऊ चुंगी स्थित रामजानकी मंदिर में रुककर प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण किया और फिर लखनऊ की ओर अपनी यात्रा आगे बढ़ा दी। उनका कहना है कि यह यात्रा महज कदमों का सफर नहीं, बल्कि आत्मा से भगवान शिव तक जुड़ने की एक आध्यात्मिक साधना है।
अजीत ने बताया कि वह सावन शुरू होने से 27 दिन पहले ही पैदल हरिद्वार के लिए निकले थे, लेकिन असली यात्रा उन्होंने सावन के पहले दिन से शुरू की। “यह पथ केवल शरीर का नहीं, भक्ति और श्रद्धा का है। जबसे नंगे पांव चला हूं, हर मोड़ पर भोलेनाथ ने राह दिखाई है,” उन्होंने भावुक स्वर में कहा।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की सराहना करते हुए बताया कि मोदी और योगी सरकार की बदौलत यात्रा के दौरान उन्हें कहीं कोई कठिनाई नहीं हुई। पुलिस और प्रशासन ने हर जिले में न केवल उन्हें सम्मान दिया, बल्कि सही मार्गदर्शन और सुरक्षा भी दी।
अजीत का अनुमान है कि उन्हें अब 13–14 दिन और लगेंगे काशी पहुंचने में। रास्ते में पड़ने वाले मंदिरों में वह रुकते हैं, वहीं प्रसाद पाते हैं और भगवान का स्मरण करते हैं।
श्रद्धा, साहस और शिवभक्ति से ओतप्रोत अजीत की यह पदयात्रा आज के युग में भक्ति, संकल्प और तपस्या का अद्भुत उदाहरण बन गई है।