हरदोई में कीर्ति कृष्णा अस्पताल कांड: आग बुझी नहीं, लेकिन भ्रष्टाचार की लपटें उठने लगीं; फायर ब्रिगेड टीम की गुपचुप मुलाकात ने बढ़ाई सनसनी
हरदोई में कीर्ति कृष्णा अस्पताल कांड: आग बुझी नहीं, लेकिन भ्रष्टाचार की लपटें उठने लगीं; फायर ब्रिगेड टीम की गुपचुप मुलाकात ने बढ़ाई सनसनी
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
हरदोई के नघेटा रोड स्थित कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में बुधवार को हुई आग की घटना ने न सिर्फ चिकित्सा तंत्र की पोल खोली, बल्कि अब प्रशासनिक व्यवस्था और भ्रष्टाचार के गठजोड़ की भी परतें उघाड़नी शुरू कर दी हैं।
गुरुवार की दोपहर शहर में उस वक्त खलबली मच गई, जब सीज किए गए अस्पताल के संचालकों से मिलने फायर ब्रिगेड की टीम खुद वर्दी पहनकर एक रहस्यमय घर में पहुंची। इस टीम में फायर ब्रिगेड निरीक्षक शिवराम यादव, उप निरीक्षक सुशील कुमार सिंह और एक कांस्टेबल शामिल थे।
जिस घर में ये मुलाकात हुई, वह कीर्ति कृष्णा अस्पताल के बिल्कुल बगल में है और उस पर एक पीसीएस अधिकारी की नेमप्लेट भी लगी हुई है। चौंकाने वाली बात यह रही कि जैसे ही फायर ब्रिगेड कर्मी उस घर से बाहर निकले, उन्होंने कैमरे से बचने के लिए मुंह छिपाया और कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
इस मुलाकात का वीडियो और तस्वीरें सामने आने के बाद यह सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर सीज अस्पताल की क्षति का आंकलन पड़ोसी घर से कैसे किया जा सकता है?
मुख्य अग्निशमन अधिकारी महेश प्रताप सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो पहले उन्होंने माना कि इस तरह घर में जाना गलत है, लेकिन बाद में बयान बदलते हुए कहा कि शायद नुकसान का आंकलन करने के लिए टीम गई हो।
इस रहस्यमय मुलाकात ने संदेह की लपटें और तेज कर दी हैं। दबी जुबान में अस्पताल से जुड़े कुछ लोगों ने बताया कि जिस काम के पहले 15 हजार रुपए लिए जाते थे, अब उसका रेट 60 हजार तक पहुंच गया है।
सवाल ये है कि जब अस्पताल को NOC और मंजूरी के अभाव में सीज किया गया, FIR दर्ज हुई, और प्रशासन खुद लापरवाही स्वीकार कर चुका है—तो फिर फायर ब्रिगेड कर्मी निजी मुलाकातों में दिलचस्पी क्यों दिखा रहे हैं?
ये महज एक अस्पताल में आग की घटना नहीं, बल्कि एक ऐसी क्राइम थ्रिलर बन चुकी है, जिसमें लपटों में सिर्फ कागज़ नहीं जले, बल्कि व्यवस्था के चहरे से नकाब उतरते नजर आए हैं। प्रशासनिक जांच से अब तय होगा कि दोषी कौन है—आग या वो व्यवस्था जो उसे बुझाने के नाम पर सौदे करती दिख रही है।