फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाने वाले छह आरोपी गिरफ्तार
फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाने वाले छह आरोपी गिरफ्तार
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
हरदोई के पाली में फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मंगलवार की देर रात को हुए खुलासे में स्थानीय पुलिस के साथ सर्विलांस व एसओजी टीम का अहम रोल रहा। गैंग लीडर कन्हैया समेत कई आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
थानाध्यक्ष सोमपाल गंगवार ने बताया कि सांडी थाना क्षेत्र के तिलमई खेड़ा निवासी अखिलेश ने धोखाधड़ी होने पर रविवार को चार नामजद व सात अज्ञात आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। मंगलवार को सर्विलांस सेल व एसओजी टीम के सहयोग से देर रात रूपापुर चीनी मिल के सामने स्थित गिट्टी प्लांट के पास छापा मारा। यहां से सांड थाना क्षेत्र के तिलमईखेड़ा निवासी सूरज व कुंदरौली निवासी दिनेश पाल उर्फ़ अनुज, सवायजपुर कोतवाली क्षेत्र के कंहारी निवासी कृष्ण मुरारी उर्फ मुरारी, पाली थाना क्षेत्र के अमिरता निवासी पंकज, फतेहपुर निवासी अंकित व भैंसी नगला निवासी सुमित को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से सात मोबाइल, 10 सिम, एक एटीएम कार्ड, बायोमेट्रिक मशीन, 900 रुपये व एक कार बरामद की गई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि गैंग लीडर कन्हैया की तलाश की जा रही है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गैंग लीडर कन्हैया ने फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम पर एक एप बना रखा था। इसमें कुछ कस्टमर केयर के नंबर भी पड़े हैं। इसके माध्यम से लोग एक जगह से दूसरी जगह सामान पहुंचाने के लिए वाहन बुक करते थे। बुकिंग होने के बाद आरोपी बुक करने वाले को फर्जी नंबरों से कॉल करते थे। कहते थे कि सामान लोड होने के लिए तय तारीख पर वाहन पहुंच जाएगा, लेकिन इसके लिए एडवांस रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कीजिए। आरोपी लोगों से उन्हीं खातों में रुपये मंगाते थे। जो उन्होंने लोगों को लालच देकर खुलवाए थे। जिनके खातों में आरोपियों के ही नंबर लगे थे। उनके एटीएम भी यही आरोपी रखते थे। एक बार रुपये आने के बाद वाहन बुक कराने वाले व्यक्ति का नंबर ब्लॉक कर देते थे।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह ज्यादातर गांव में रहने वाले सीधे-साधे लोगों को ही निशाना बताते थे। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर उनका निजी बैंक में खाता खुलवाते थे। खाताधारक से कहते थे कि खुलवाए गए खाते में ही सरकारी योजना के रुपये आएंगे। पीड़ित अखिलेश भी इसी का शिकार हो गया। अखिलेश के एटीएम लेने की जिद ने ही पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर दिया।