खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताकर परिवार को दिया धोखा,18 घंटे लापता रहा, लूट की झूठी कहानी गढ़ी, लखनऊ में महिला दोस्त से मिलने गया था, पुलिस की जांच में नए-नए राज खुल गए
खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताकर परिवार को दिया धोखा,18 घंटे लापता रहा, लूट की झूठी कहानी गढ़ी, लखनऊ में महिला दोस्त से मिलने गया था, पुलिस की जांच में नए-नए राज खुल गए
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
गढ़ी लूट की कहानी, पुलिस ने खोजा तो पता चला ग्राम विकास अधिकारी ही नहीं हैं युवक
सनोज ने फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर नवंबर 2024 से खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताया था और परिवार व रिश्तेदारों को गुमराह कर रहा था।
तो असल मे लापता ग्राम विकास अधिकारी ना ही तो ग्राम विकास अधिकारी था और न ही लापता ही हुआ था , बियर पीकर खेत मे सोता रहा , घर वाले पुलिस वाले भटकते रहे खोजते रहे ।
हरदोई में एक युवक 18 घंटे तक पुलिस और परिजनों के लिए रहस्य बना रहा। खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताने वाला यह युवक शुक्रवार को ड्यूटी पर जाने की बात कहकर घर से निकला था, लेकिन देर शाम तक वापस न लौटने पर परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। शनिवार को वह शाहाबाद क्षेत्र के दाउदनगर के पास एक खेत में बेहोशी की हालत में मिला।
युवक बेहटागोकुल थाना क्षेत्र के सिधौली निवासी सनोज कुमार राठौर खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताता था। तैनाती शाहजहांपुर में होने की जानकारी परिजनों को दी थी। शुक्रवार को वह ड्यूटी करने के लिए निकला। देर शाम तक वापस न आने पर परिजनों ने तलाश शुरू की और फिर कोई सुराग न मिलने पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया। शनिवार सुबह गांव से एक किलोमीटर दूर कल्लू के खेत में वह बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। उसके मोबाइल की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उसे खोज निकाला। उसको मेडिकल कॉलेज हरदोई लाया गया। मेडिकल में वह स्वस्थ मिला और शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले।
इस दौरान उसने पुलिस को बताया कि उसके पास से तीन लाख रुपये भी लूट लिए गए। यह रुपये शाहजहांपुर के स्टेट बैंक के ई-कॉर्नर से निकाले जाने का दावा उसने किया था। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि सनोज शनिवार को शाहजहांपुर गया ही नहीं। वह लखनऊ में था और एक महिला से उसकी मुलाकात हुई थी। इसी बीच अधिकारियों ने उसके तैनाती जनपद शाहजहांपुर में संपर्क किया तो पता चला कि सनोज नाम का कोई कर्मचारी वहां तैनात नहीं है।
सनोज ने नवंबर 2024 में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नौकरी लग जाने की बात परिजनों को बताई थी। तब उसने बताया था कि तिलहर विकास खंड में उसे तैनाती दी गई है। तब से वह रोज ट्रेन से शाहजहांपुर जाता था। आमतौर पर बरेली बनारस एक्सप्रेस ट्रेन से वह वापस आता था। परिजनों को भी शनिवार को ही पता चला कि वह ग्राम विकास अधिकारी नहीं है। परिजन भी हतप्रभ हैं। इस सबके बीच पुलिस को उसका फर्जी नियुक्ति पत्र भी मिला है। गहराई से हुई जांच में यह भी सामने आया कि सनोज ने फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर नवंबर 2024 से खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताया था और परिवार व रिश्तेदारों को गुमराह कर रहा था। वह खुद को तिलहर (शाहजहांपुर) में तैनात बताता और रोजाना ट्रेन से आने-जाने का नाटक करता था।
पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बताया कि यह स्पष्ट है कि युवक के साथ न तो लूट हुई है और न ही मारपीट। वह झूठ क्यों बोल रहा है और परिजनों को नौकरी में होने की जानकारी क्यों दी, इसको लेकर जांच की जा रही है।