वट सावित्री का पर्व आज पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है
वट सावित्री का पर्व आज पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है
मीडिया रायटर्स रिपोर्ट/हर्षराज सिंह
हरदोई।इस पावन पर्व के मौके पर सुहागिन स्त्रियां वटवृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा कर अपने सुहाग की सलामती व लंबी उम्र और अच्छी सेहत की प्रार्थना कर रही हैं।बात की जाए तो महिलाओं ने आज निर्जला व्रत भी रखा हुआ है। उसके बाद बरगद के पेड़ की परिक्रमा व पूजा अर्चना कर अखंड सौभाग्य की प्रार्थना की।
वट सावित्री व्रत पर बरगद की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। महिलाएं पूरे सोलह श्रृंगार व लाल जोड़े में बरगद के पेड़ पर सूत बांधकर उसकी परिक्रमा करती हैं।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक माता सावित्री ने अपना सुहाग बचाने को मृत्यु के देवता यमराज को फैसला बदलने पर विवश कर दिया था। बात की जाए तो इस पौराणिक घटना में माता सावित्री ने न सिर्फ अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की, बल्कि सुहाग के प्रति अपने समर्पण ऐसा अनूठा उदाहरण पेश किया कि वह समूची दुनिया में पूजी जाने लगीं। माता सावित्री से जुडी इस कथा के बाद से ही सुहागिन औरतें अपने पति की रक्षा, उनकी लम्बी उम्र की कामना और आरोग्य के लिए निर्ज़ल व्रत रहकर पूजा-अर्चना करती हैं।